आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि What is SWOT Analysis? दोस्तों जैसा कि SWOT Analysis एक ऐसा रणनीतिक प्रबंधन टूल है, जिसकी मदद से कोई भी व्यक्ति या संगठन अपनी आंतरिक खूबियों (Strengths) और कमज़ोरियों (Weaknesses) को पहचान सकता है, साथ ही बाहरी अवसरों (Opportunities) और खतरों (Threats) का मूल्यांकन भी कर सकता है। यह अवधारणा सबसे पहले 1960 के दशक में सामने आई थी, जब व्यवसायों को अपने वर्तमान हालात का सही आकलन करने और आने वाले समय के लिए ठोस रणनीतियाँ बनाने की ज़रूरत महसूस हुई। तब से लेकर आज तक SWOT एनालिसिस छोटे स्टार्टअप से लेकर बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियों तक, सभी के लिए एक कारगर साधन बन चुका है।
आज यह तकनीक सिर्फ़ बड़ी कंपनियों ही नहीं, बल्कि स्टार्टअप्स, शैक्षणिक संस्थानों और प्रोफेशनल्स द्वारा भी अपनाई जाती है। इसकी खासियत है कि यह साधारण और व्यावहारिक है और किसी भी क्षेत्र में लागू की जा सकती है, चाहे बिज़नेस स्ट्रेटजी, मार्केटिंग प्लान या करियर डेवलपमेंट की बात हो।
SWOT विश्लेषण कैसे करें?
SWOT विश्लेषण को करने का सबसे व्यावहारिक तरीका है इसे चार हिस्सों में विभाजित करना। यह चार खंड क्रमशः ताकतें (Strengths), कमज़ोरियाँ (Weaknesses), अवसर (Opportunities) और खतरे (Threats) दर्शाते हैं। जब आप SWOT को कागज़ पर या किसी डिजिटल टूल में व्यवस्थित तरीके से लिखते हैं, तो आपकी ताकतें, कमजोरियाँ, अवसर और खतरे एकदम साफ़ दिखाई देने लगते हैं। इस विज़ुअल रूपरेखा की मदद से आप अपनी वर्तमान स्थिति को बेहतर ढंग से समझ पाते हैं और आगे बढ़ने के लिए ठोस व यथार्थवादी रणनीति बना सकते हैं।
1. Strengths (ताकतें):
सबसे पहले अपनी उन खूबियों की पहचान करें जो आपको दूसरों से अलग बनाती हैं। ये आपकी स्किल्स, ज्ञान, अनुभव, ब्रांड वैल्यू, टेक्नोलॉजी का सही उपयोग या मजबूत नेटवर्क हो सकते हैं। ताकतें वे बिंदु होते हैं जिनका उपयोग करके आप प्रतिस्पर्धा में आगे निकल सकते हैं।
उदाहरण: अगर आप एक बिज़नेस चला रहे हैं और आपकी कस्टमर सर्विस बेहतरीन है, तो यह आपकी सबसे बड़ी ताकत मानी जाएगी।
2. Weaknesses (कमज़ोरियाँ):
इसके बाद ईमानदारी से अपनी कमज़ोरियों को लिखें। अक्सर लोग अपनी कमज़ोरियों को छिपाने की कोशिश करते हैं, लेकिन असली सफलता उन्हें स्वीकार करने और सुधारने में है। यह वित्तीय कमी, अनुभव की कमी, टेक्नोलॉजी का अभाव या खराब मैनेजमेंट हो सकता है।
उदाहरण: अगर आपके पास मार्केटिंग का ज्ञान कम है, तो यह एक कमजोरी है जिस पर काम करना ज़रूरी होगा।
3. Opportunities (अवसर):
इसके बाद बाहरी माहौल में मौजूद अवसरों को पहचानिए। अवसर वे मौके होते हैं जिनका सही समय पर फायदा उठाकर आप तेज़ी से आगे बढ़ सकते हैं। यह नए मार्केट, बढ़ती डिमांड, नई टेक्नोलॉजी, सरकारी नीतियाँ या उद्योग में आए बदलाव हो सकते हैं।
उदाहरण: अगर आपके क्षेत्र में ई-कॉमर्स का ट्रेंड बढ़ रहा है, तो यह आपके लिए एक बड़ा अवसर है।
4. Threats (खतरे):
अंत में, उन चुनौतियों और खतरों को पहचानिए जो आपके बिज़नेस या करियर पर नकारात्मक असर डाल सकते हैं। यह प्रतियोगिता, बदलते नियम, आर्थिक मंदी, टेक्नोलॉजी की तेज़ी या बदलती ग्राहक पसंद हो सकती है।
उदाहरण: अगर आपके प्रतिस्पर्धी कम कीमत में वही सेवा दे रहे हैं, तो यह आपके लिए एक गंभीर खतरा हो सकता है।
सबसे अहम बात यह है कि SWOT विश्लेषण एक बार करने से ही पूरा नहीं होता। इसे समय-समय पर अपडेट करना बेहद ज़रूरी है। क्योंकि बिज़नेस का माहौल, बाज़ार की परिस्थितियाँ और आपकी व्यक्तिगत स्थिति लगातार बदलती रहती है। अगर आप नियमित रूप से अपना SWOT रिव्यू करेंगे, तो आपको हमेशा नई दिशा और बेहतर रणनीति बनाने में मदद मिलेगी।
SWOT विश्लेषण क्यों महत्वपूर्ण है?
SWOT हमें हमारी वास्तविक स्थिति का आईना दिखाता है। यह स्पष्ट करता है कि हम किन क्षेत्रों में मज़बूत हैं और किन जगह सुधार की ज़रूरत है। जब ताकतों और कमजोरियों की पहचान साफ़-साफ़ हो जाती है, तो हम अपनी क्षमताओं का सही समय पर और सही अवसरों में बेहतर इस्तेमाल कर सकते हैं। दूसरी ओर, अपनी कमजोरियों को समझकर उन पर काम करना आसान हो जाता है, जिससे संभावित जोखिम कम किए जा सकते हैं।
इसके साथ ही, SWOT विश्लेषण हमें यह भी सिखाता है कि सीमित संसाधनों का इस्तेमाल सबसे प्रभावी तरीके से कैसे किया जाए। जब हमें यह पता होता है कि हमारे पास कौन-सी ताकतें और साधन पहले से मौजूद हैं, तो हम अवसरों का लाभ उठाने और खतरों से बचने के लिए बेहतर रणनीति बना सकते हैं। यही कारण है कि चाहे बिज़नेस हो, करियर हो या व्यक्तिगत जीवन, SWOT एनालिसिस हर जगह उपयोगी साबित होता है। यह न केवल हमें वर्तमान स्थिति को स्पष्ट रूप से दिखाता है, बल्कि हमें भविष्य के लिए एक सही दिशा और स्पष्ट रणनीति बनाने में भी मदद करता है।
SWOT विश्लेषण का उपयोग किसके लिए किया जाता है?
SWOT विश्लेषण का उपयोग कई अलग-अलग क्षेत्रों में किया जाता है और यही इसकी सबसे बड़ी ताकत है। यह न केवल कंपनियों बल्कि व्यक्तिगत स्तर पर भी बेहद उपयोगी साबित होता है। आइए विस्तार से समझते हैं कि किन-किन जगहों पर SWOT विश्लेषण मददगार होता है:
1. बिज़नेस स्ट्रेटजी बनाने में
किसी भी कंपनी की सफलता उसकी रणनीति पर निर्भर करती है। SWOT विश्लेषण संगठन को यह समझने में मदद करता है कि उनकी ताकतों को किस दिशा में उपयोग करना है और किन कमजोरियों पर काम करना है। इससे कंपनी ऐसी रणनीति बना पाती है जो न केवल प्रैक्टिकल हो बल्कि लंबे समय तक लाभदायक भी रहे।
2. मार्केट रिसर्च और प्रतिस्पर्धा समझने में
मार्केट में हर दिन नए खिलाड़ी आते हैं और प्रतिस्पर्धा बढ़ती है। SWOT एनालिसिस करने से कंपनियाँ यह समझ पाती हैं कि बाज़ार में उनका स्थान कहाँ है और प्रतिस्पर्धियों की तुलना में उनके पास क्या बढ़त या कमी है। इस तरह यह रिसर्च और प्लानिंग का महत्वपूर्ण हिस्सा बन जाता है।
3. नए प्रोडक्ट लॉन्च की योजना में
कोई भी नया प्रोडक्ट मार्केट में उतारने से पहले कंपनियाँ SWOT का सहारा लेती हैं। इससे उन्हें अंदाज़ा होता है कि प्रोडक्ट की सफलता के क्या चांस हैं, किन अवसरों का उपयोग किया जा सकता है और किन खतरों से बचना है। इससे फेल होने का रिस्क काफी कम हो जाता है।
4. करियर विकास और जॉब प्लानिंग में
SWOT केवल कंपनियों के लिए ही नहीं बल्कि व्यक्तियों के लिए भी उतना ही ज़रूरी है। जब आप अपनी स्किल्स (ताकतें), सुधार के क्षेत्र (कमज़ोरियाँ), मार्केट में मौजूद मौक़े (अवसर), और संभावित चुनौतियों (खतरे) का विश्लेषण करते हैं तो आपको अपने करियर को सही दिशा देने में आसानी होती है।
5. स्टार्टअप्स और उद्यमिता में
स्टार्टअप्स और नए उद्यमियों के लिए SWOT एनालिसिस एक दिशा दिखाने वाला टूल साबित होता है। यह उन्हें यह समझने का मौका देता है कि उनकी सबसे बड़ी खूबियाँ कौन-सी हैं और किन कमज़ोरियों पर काम करने की ज़रूरत है। साथ ही, यह विश्लेषण यह भी उजागर करता है कि बाज़ार में कौन-से नए मौके उनके लिए लाभदायक हो सकते हैं और किस तरह की चुनौतियाँ उनके सामने आ सकती हैं। इस जानकारी के आधार पर वे प्रतिस्पर्धा को बेहतर तरीके से समझकर एक ऐसी रणनीति बना सकते हैं, जिससे वे न केवल टिके रहें बल्कि धीरे-धीरे मज़बूत स्थिति भी बना लें।
उदाहरण: मान लीजिए एक नया ई-कॉमर्स स्टार्टअप शुरू हो रहा है। SWOT विश्लेषण करके वह यह तय कर सकता है कि उसके पास कौन-से संसाधन (जैसे टेक्नोलॉजी और टीम की स्किल्स) उपलब्ध हैं, मार्केट में कौन-से मौक़े (जैसे बढ़ता ऑनलाइन शॉपिंग ट्रेंड) मौजूद हैं, और प्रतियोगिता में आगे बढ़ने के लिए उसे किन चुनौतियों (जैसे बड़ी कंपनियों की प्राइसिंग पॉलिसी) से निपटना होगा। इस विश्लेषण की मदद से वह अपने लिए सही निवेश और मार्केटिंग स्ट्रेटजी तैयार कर सकता है।
आपको SWOT विश्लेषण कब करना चाहिए?
SWOT एनालिसिस कभी भी किया जा सकता है, लेकिन कुछ खास हालातों में इसका उपयोग सबसे अधिक लाभकारी होता है। इन परिस्थितियों में यह व्यक्ति या संगठन को सही दिशा देने और बेहतर निर्णय लेने में बड़ी मदद करता है।
1. नया प्रोजेक्ट या स्टार्टअप शुरू करने से पहले
अगर आप कोई नया बिज़नेस या स्टार्टअप शुरू करने की सोच रहे हैं, तो SWOT प्रक्रिया आपको यह समझने में मदद करती है कि आपकी सबसे बड़ी ताकतें कौन-सी हैं और किन कमज़ोरियों पर काम करने की ज़रूरत है। इसके साथ ही, यह बाज़ार में मौजूद अवसरों और संभावित खतरों की पहचान भी कराती है, जिससे आप शुरुआत से ही सही दिशा में ठोस रणनीति बना सकते हैं।
2. बिज़नेस एक्सपेंशन की प्लानिंग करते समय
जब कोई कंपनी अपने बिज़नेस को नए शहर, देश या नए प्रोडक्ट लाइन में विस्तार देना चाहती है, तो SWOT एनालिसिस बेहद ज़रूरी होता है। यह आपको यह पता लगाने में मदद करता है कि आपकी मौजूदा ताकतें एक्सपेंशन में किस तरह उपयोगी होंगी और किन संभावित चुनौतियों से आपको निपटना होगा।
3. करियर बदलने या नई स्किल सीखने से पहले
SWOT विश्लेषण सिर्फ़ बिज़नेस जगत तक सीमित नहीं है, बल्कि यह करियर निर्माण में भी उतना ही उपयोगी है। यदि आप नौकरी बदलने का सोच रहे हैं या किसी नई स्किल को सीखने की योजना बना रहे हैं, तो यह टूल आपको अपनी मौजूदा क्षमताओं, सुधार की ज़रूरत वाले क्षेत्रों और उपलब्ध अवसरों का स्पष्ट आकलन करने में मदद करता है। नतीजतन, करियर की दिशा अधिक स्पष्ट हो जाती है और आगे बढ़ने के लिए ठोस कदम उठाना आसान हो जाता है।
4. मार्केटिंग स्ट्रेटजी बनाने से पहले
किसी भी प्रोडक्ट या सर्विस की सफलता काफी हद तक इस बात पर निर्भर करती है कि उसकी मार्केटिंग रणनीति कितनी प्रभावी है। SWOT एनालिसिस इस दिशा में मदद करता है, क्योंकि यह साफ़ करता है कि आपकी कंपनी की मुख्य ताकतें कौन-सी हैं और इन्हें ग्राहकों तक किस तरह पहुँचाया जा सकता है। इसके अलावा, यह बाज़ार की चुनौतियों और प्रतियोगिता की वास्तविक स्थिति सामने लाकर आपको ऐसे कदम उठाने का मौका देता है, जिससे जोखिम कम हो और सफलता की संभावना बढ़े।
5. सालाना या तिमाही परफॉर्मेंस रिव्यू के दौरान
किसी भी कंपनी या प्रोफेशनल के लिए यह बेहद ज़रूरी है कि वे अपने काम और रणनीतियों का मूल्यांकन समय-समय पर करते रहें। इसी दौरान SWOT एनालिसिस एक तरह से दिशा दिखाने वाले उपकरण की तरह काम करता है। यह न केवल यह बताता है कि अब तक कौन-से कदम सबसे प्रभावी रहे हैं, बल्कि यह भी उजागर करता है कि किन क्षेत्रों में सुधार की आवश्यकता है और आगे आने वाले अवसरों का लाभ किस प्रकार उठाया जा सकता है।
SWOT विश्लेषण के पक्ष और विपक्ष
SWOT विश्लेषण के पक्ष (Pros)
SWOT एनालिसिस की सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह एक सरल और किफायती टूल है। इसे समझने और इस्तेमाल करने के लिए किसी जटिल तकनीक या भारी-भरकम निवेश की ज़रूरत नहीं पड़ती। कोई भी व्यक्ति या संगठन इसे आसानी से अपना सकता है। यही कारण है कि इसे हर स्तर पर चाहे बिज़नेस हो, स्टार्टअप हो, या पर्सनल करियर सभी जगह उपयोगी माना जाता है।
इसके अलावा, SWOT निर्णय लेने की प्रक्रिया को सरल बनाता है। जब आपके सामने आपकी ताकतें, कमजोरियाँ, अवसर और खतरे स्पष्ट रूप से लिखे होते हैं, तो सही निर्णय लेने में आसानी होती है। यह टूल न केवल वर्तमान को समझने में मदद करता है बल्कि भविष्य की योजना (Future Planning) बनाना भी आसान बना देता है। यही वजह है कि छोटी कंपनियों से लेकर बड़ी मल्टीनेशनल्स तक, सभी SWOT का इस्तेमाल करती हैं।
SWOT विश्लेषण के विपक्ष (Cons)
हालाँकि SWOT एनालिसिस बहुत फायदेमंद है, लेकिन इसके कुछ सीमाएँ (Limitations) भी हैं। सबसे पहले, यह एक सब्जेक्टिव (Subjective) टूल है। यानी इसका रिज़ल्ट इस बात पर निर्भर करता है कि इसे करने वाला व्यक्ति चीज़ों को कैसे देखता है। अलग-अलग लोग एक ही स्थिति को अलग-अलग नज़रिए से देख सकते हैं, जिससे परिणाम भिन्न हो सकता है।
दूसरी बात, SWOT केवल विश्लेषण (Analysis) तक सीमित है। यह बताता है कि आपकी ताकतें और कमजोरियाँ क्या हैं, लेकिन इन पर काम करने के लिए आपको ठोस कदम (Action) उठाने होंगे। सिर्फ SWOT बना लेने से काम पूरा नहीं होता।
तीसरी कमी यह है कि अगर इसे समय-समय पर अपडेट नहीं किया जाए तो यह आउटडेटेड हो सकता है। बिज़नेस वातावरण और मार्केट ट्रेंड्स लगातार बदलते रहते हैं, इसलिए SWOT को नियमित रूप से रिव्यू करना बहुत ज़रूरी है। वरना यह गलत दिशा में ले जा सकता है।
SWOT विश्लेषण में सामान्य गलतियाँ
WOT विश्लेषण करते समय कई बार लोग अनजाने में ऐसी सामान्य गलतियाँ कर जाते हैं, जो देखने में साधारण लगती हैं, लेकिन वास्तव में नतीजों की सटीकता और उपयोगिता पर गहरा असर डालती हैं। नतीजतन, गलत निष्कर्ष निकल सकते हैं और रणनीति गलत दिशा में जा सकती है। इसलिए यह बेहद आवश्यक है कि इन चूकों को पहचानकर उनसे बचा जाए, ताकि SWOT एनालिसिस से वास्तविक और सार्थक नतीजे प्राप्त हों।
1. कमज़ोरियों को छिपाना या नज़रअंदाज़ करना
कई बार संगठन या व्यक्ति अपनी कमजोरियों को स्वीकार नहीं करना चाहते। लेकिन सच्चाई यह है कि जब तक आप अपनी कमजोरियों को ईमानदारी से नहीं पहचानेंगे, तब तक आप उन पर काम नहीं कर पाएँगे।
2. ज़्यादा आशावादी या निराशावादी होना
SWOT का विश्लेषण करते समय संतुलित दृष्टिकोण अपनाना ज़रूरी है। अगर आप बहुत ज़्यादा आशावादी हो जाते हैं, तो वास्तविक खतरों को नज़रअंदाज़ कर सकते हैं। वहीं, बहुत ज़्यादा निराशावादी होने पर अवसरों का सही लाभ नहीं उठा पाएँगे।
3. केवल लिस्ट बनाकर छोड़ देना, एक्शन न लेना
SWOT सिर्फ एक लिस्ट या टेबल भर नहीं है। इसे करने का असली मक़सद यह है कि आप इसके आधार पर ठोस रणनीति और एक्शन प्लान बनाएँ। बिना एक्शन के SWOT का कोई फायदा नहीं।
4. रिव्यू और अपडेट न करना
मार्केट और बिज़नेस का माहौल लगातार बदलता रहता है। अगर आप अपना SWOT नियमित रूप से रिव्यू और अपडेट नहीं करेंगे, तो यह जल्दी आउटडेटेड हो जाएगा और आपकी रणनीति गलत दिशा में जा सकती है।
SWOT विश्लेषण के लाभ
1. WOT एनालिसिस करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह निर्णय लेने में आसानी पैदा करता है। जब किसी व्यक्ति या संगठन के सामने उसकी ताकतें, कमजोरियाँ, अवसर और खतरे साफ़-साफ़ लिखे होते हैं, तो सही दिशा में निर्णय लेना आसान हो जाता है।
2. इसके अलावा, यह रिस्क मैनेजमेंट को बेहतर बनाता है। संभावित खतरों की पहचान पहले ही हो जाने से संगठन उन पर पहले से तैयारी कर सकता है और नुकसान से बच सकता है।
3. SWOT विश्लेषण से आपको सही ग्रोथ स्ट्रेटजी बनाने में मदद मिलती है। यह बताता है कि कहाँ निवेश करना चाहिए, किन अवसरों का फायदा उठाना चाहिए और किन क्षेत्रों में सुधार करने की ज़रूरत है।
4. इसके साथ ही, यह समय और संसाधनों का सही उपयोग करवाता है। जब प्राथमिकताएँ स्पष्ट होती हैं, तो ऊर्जा और संसाधन बेकार की जगह खर्च नहीं होते और उनका इस्तेमाल सही दिशा में होता है।
5. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि SWOT एनालिसिस करियर और बिज़नेस दोनों में क्लियर डायरेक्शन देता है। यानी यह हमें न सिर्फ वर्तमान स्थिति समझने में मदद करता है बल्कि भविष्य की योजना बनाने का रास्ता भी दिखाता है।
SWOT विश्लेषण का उदाहरण
किसी भी कॉन्सेप्ट को गहराई से समझने के लिए उदाहरण सबसे कारगर साधन होते हैं। इसी तरह SWOT एनालिसिस को और स्पष्ट करने के लिए हम इसे दो दृष्टिकोणों से समझेंगे—पहला एक कंपनी (Apple) का और दूसरा एक छात्र के व्यक्तिगत करियर का।
Apple का SWOT विश्लेषण (संक्षेप में)
Strengths (ताकतें): Apple की सबसे बड़ी ताकत उसका मजबूत ब्रांड वैल्यू, लगातार इनोवेशन, और लॉयल कस्टमर बेस है। इसकी ब्रांड इमेज इतनी मज़बूत है कि लोग इसके प्रोडक्ट को स्टेटस सिंबल मानते हैं।
Weaknesses (कमज़ोरियाँ): इसके प्रोडक्ट महंगे होते हैं और हर ग्राहक इन्हें खरीद नहीं पाता। इसके अलावा Apple की प्रोडक्ट रेंज सीमित है, जो इसे कुछ हद तक प्रतिस्पर्धा में कमजोर बनाती है।
Opportunities (अवसर): टेक्नोलॉजी एक्सपेंशन और नए प्रोडक्ट सेगमेंट (जैसे AI, AR/VR डिवाइस, EV टेक्नोलॉजी) Apple के लिए बड़े अवसर लेकर आते हैं।
Threats (खतरे): कड़ी प्रतिस्पर्धा (Samsung, Google, Xiaomi आदि से) और स्मार्टफोन मार्केट का धीरे-धीरे सैचुरेट होना इसके लिए खतरा बन सकता है।
इससे साफ़ होता है कि SWOT एनालिसिस करने से Apple जैसी बड़ी कंपनी भी अपनी स्ट्रेटजी सही दिशा में तय करती है।
व्यक्तिगत उदाहरण (स्टूडेंट का SWOT विश्लेषण)
मान लीजिए एक छात्र अपने करियर की तैयारी कर रहा है। वह SWOT विश्लेषण करके अपनी स्थिति को इस तरह समझ सकता है:
Strengths (ताकतें): अच्छे कम्युनिकेशन स्किल्स, जिससे वह इंटरव्यू और प्रेज़ेंटेशन में बेहतर प्रदर्शन कर सकता है।
Weaknesses (कमज़ोरियाँ): टाइम मैनेजमेंट की कमी, जिसकी वजह से पढ़ाई और अन्य गतिविधियों में बैलेंस नहीं बना पाता।
Opportunities (अवसर): ऑनलाइन कोर्स और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म, जिनसे वह नई स्किल्स सीखकर अपनी क्षमताओं को और मज़बूत कर सकता है।
Threats (खतरे): बढ़ती प्रतियोगिता, जिसमें दूसरों से आगे निकलने के लिए उसे और मेहनत करनी होगी।
इस उदाहरण से समझा जा सकता है कि SWOT एनालिसिस केवल बड़ी कंपनियों के लिए ही नहीं बल्कि व्यक्तियों के लिए भी उतना ही फायदेमंद है।
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निष्कर्ष:
तो दोस्तों कैसा लगा आपको हमारा यह आर्टिकल, इस आर्टिकल में हमने आपको What is SWOT Analysis? के बारे में विस्तार से बताया है, SWOT विश्लेषण एक ऐसा शक्तिशाली टूल है जो आपको सही दिशा, बेहतर रणनीति और रिस्क मैनेजमेंट देता है। चाहे आप बिज़नेस चला रहे हों या करियर बना रहे हों, SWOT आपके लिए सफलता का रोडमैप साबित हो सकता है। आप Investopedia का SWOT Analysis आर्टिकल भी देख सकते हैं।
डिस्क्लेमर:
यह ब्लॉग (What is SWOT Analysis?) केवल शैक्षणिक और जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दिए गए उदाहरण और सुझाव सामान्य जानकारी पर आधारित हैं। किसी भी व्यवसायिक निर्णय या निवेश से पहले विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।
SWOT विश्लेषण FAQ
Q1. SWOT विश्लेषण किसने बनाया था?
इसे 1960 के दशक में Stanford Research Institute ने विकसित किया था।
Q2. SWOT केवल बिज़नेस के लिए है?
नहीं, यह व्यक्तिगत जीवन और करियर के लिए भी उपयोगी है।
Q3. SWOT कितनी बार करना चाहिए?
साल में कम से कम एक बार, या जब भी बड़ी रणनीति बदलनी हो।
Q4. क्या SWOT Analysis 100% सही होता है?
यह एक गाइड है, अंतिम परिणाम आपकी एक्शन स्ट्रेटजी पर निर्भर करता है।
2 thoughts on “What is SWOT Analysis? SWOT विश्लेषण क्या हैं? 4 अहम पहलू”